कंकणा सेन शर्मा ने बॉलीवुड में मानवतावादी कार्य समय की मांग की, क्या अब बदलेगी इंडस्ट्री की कार्य संस्कृति?
बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री कंकणा सेन शर्मा ने हाल ही में फिल्म इंडस्ट्री में मानवतावादी कार्य समय की मांग उठाई है। उन्होंने यह आवाज इसलिए बुलंद की है क्योंकि लंबे और अनियमित कार्य घंटे कलाकारों और तकनीशियनों दोनों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रभाव डालते हैं।
उन्होंने कहा कि फिल्मांकन के दौरान अक्सर देर रात तक शूटिंग और लगातार काम करना सामान्य होता है, जिससे थकान और तनाव बढ़ता है। कंकणा का मानना है कि अगर इंडस्ट्री में नियमित और मानवतावादी कार्य संस्कृति अपनाई जाए तो कलाकारों की रचनात्मकता और काम की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।
बदलाव की संभावनाएं
फिल्म इंडस्ट्री में कार्य संस्कृति को सुधारने के लिए कई पहल की आवश्यकता है। कंकणा की मांग से यह सवाल उठते हैं:
- क्या निर्माता और निर्देशक लंबे समय तक चलने वाली शूटिंग शेड्यूल में बदलाव करेंगे?
- क्या कलाकारों और स्टाफ के लिए बेहतर आराम और स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी?
- क्या सिनेमाई गुणवत्ता की कीमत पर कर्मचारियों के स्वास्थ्य और कल्याण को प्राथमिकता दी जाएगी?
कुछ बड़े स्टूडियो और प्रोडक्शन हाउस पहले ही बेहतर कार्य वातावरण और उचित शेड्यूल पर जोर दे रहे हैं, जिससे उम्मीद है कि धीरे-धीरे पूरे उद्योग में बदलाव आएगा।
मानवतावाद और कार्य संस्कृति में बदलाव के लाभ
- बेहतर स्वास्थ्य: कलाकार और तकनीशियन मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत रहेंगे।
- रचनात्मकता में सुधार: पर्याप्त आराम से काम में नवीनता और गुणवत्ता बढ़ेगी।
- दीर्घकालीन सफलता: कर्मचारियों का उत्साह और संतुष्टि बनाए रखने में मदद मिलेगी।
अतः कंकणा सेन शर्मा की यह पहल बॉलीवुड की कार्य संस्कृति में एक सकारात्मक बदलाव ला सकती है, जिससे न केवल कलाकार बल्कि पूरी इंडस्ट्री लाभान्वित होगी।