‘Margarita With A Straw’ ने बदली बॉलीवुड में विकलांगता की छवि, क्या अब फिल्मों का नजरिया होगा और भी परिपक्व?

फिल्म ‘Margarita With A Straw’ ने बॉलीवुड में विकलांगता की छवि को बदलने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस फिल्म में विकलांगता को एक संवेदनशील और यथार्थ रूप में प्रस्तुत किया गया है, जो पहले की फिल्मों से काफी अलग था।

फिल्म ने न केवल विकलांग व्यक्तियों के संघर्षों को दिखाया, बल्कि उनकी इच्छाओं, सपनों और जज्बे को भी सामने रखा। इससे दर्शकों को विकलांगता के प्रति एक नई समझ और सम्मान मिला।

फिल्मों में विकलांगता के प्रति बदला नजरिया

  • वास्तविक और संवेदनशील प्रस्तुतिकरण: पहले जहाँ विकलांगता को सिर्फ सहानुभूति या नाटकीयता के लिए दिखाया जाता था, वहीं अब इसे एक सामान्य जीवन का हिस्सा समझा जाने लगा है।
  • सशक्त किरदारों का निर्माण: विकलांग पात्र अब मजबूर या दुर्बल नहीं दिखाए जाते, बल्कि वे अपनी चुनौतियों का सामना करते हुए प्रेरणा देते हैं।
  • समाज में जागरूकता: ऐसी फिल्में समाज में विकलांगता के प्रति जागरूकता बढ़ाती हैं और पूर्वाग्रहों को कम करने में मदद करती हैं।

क्या फिल्मों का नजरिया और भी परिपक्व होगा?

‘Margarita With A Straw’ की सफलता ने यह संकेत दिया है कि बॉलीवुड में अब विकलांगता से जुड़ी कहानियों को और भी गंभीरता और संवेदनशीलता से प्रस्तुत किया जाएगा।

  1. सामाजिक बदलाव: जैसे-जैसे समाज विकलांगता के प्रति अधिक जागरूक होगा, वैसे-वैसे फिल्मों में भी उसके प्रति दृष्टिकोण में परिपक्वता आएगी।
  2. कल्पनाशील कहानीकारों की बढ़ती मांग: फिल्म निर्माता और लेखक अब असली और विविध जीवन कहानियों को पर्दे पर लाने के लिए प्रेरित होंगे।
  3. दर्शकों की अपेक्षाएँ: आधुनिक दर्शक अब सिर्फ मनोरंजन नहीं चाहते, बल्कि वे सामाजिक संदेश और संवेदनशील विषयों पर आधारित फिल्में देखना पसंद करते हैं।

इस तरह, ‘Margarita With A Straw’ ने बॉलीवुड के लिए नया मार्ग प्रशस्त किया है और उम्मीद की जा सकती है कि भविष्य में विकलांगता को लेकर फिल्मों का नजरिया और भी परिपक्व और संवेदनशील होगा।

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments

Categories

You cannot copy content of this page

0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x