निर्देशक कुश सिन्हा का नेपोटिज्म पर खुला बयान: जानिए उनकी सोच क्या है?

निर्देशक कुश सिन्हा ने हाल ही में नेपोटिज्म पर अपनी स्पष्ट प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस विषय पर अपनी सोच साझा करते हुए कहा कि नेपोटिज्म फिल्म इंडस्ट्री में मौजूद एक सच्चाई है, लेकिन इसे पूरी तरह से खत्म करना संभव नहीं है।

उनका मानना है कि टैलेंट और परिश्रम ही किसी कलाकार की पहचान निर्धारित करता है। कुश सिन्हा के अनुसार, नेपोटिज्म के बावजूद यदि किसी में काबिलियत और मेहनत है तो उसे सफलता जरूर मिलती है।

कुश सिन्हा की नेपोटिज्म पर मुख्य बातें

  • नेपोटिज्म एक वास्तविकता: इंडस्ट्री में यह मौजूद है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
  • टैलेंट आवश्यक है: केवल कनेक्शन से कोई लंबा सफर तय नहीं कर सकता।
  • मेहनत और लगन: सफलता पाने के लिए ये सबसे जरूरी हैं।
  • ईमानदारी: सही इंसान को मौके मिलने चाहिए, चाहे वह किसी भी पृष्ठभूमि से क्यों न हो।

निर्देशक कुश सिन्हा ने यह भी कहा कि नई प्रतिभाओं को सम्मानित किया जाना चाहिए और उन्हें मौका मिलना चाहिए ताकि इंडस्ट्री में नवीनता बनी रहे। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि उन्हें अपने काम और टैलेंट पर भरोसा है और वे नेपोटिज्म को केवल एक पहलू के रूप में देखते हैं, जो पूरी तस्वीर नहीं है।

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