फिल्म ‘फुले’ के जरिए महात्मा ज्योतिराव और सावित्रीबाई फुले की चमकती हुई विरासत, जानिए क्यों हुई चर्चा
फिल्म ‘फुले’ ने महात्मा ज्योतिराव फुले और सावित्रीबाई फुले की जीवन यात्रा और आदर्शों को प्रदर्शित करते हुए सामाजिक चेतना में एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया है। यह फिल्म उनकी शिक्षा, सामाजिक समानता एवं महिलाओं के अधिकारों के प्रति उनके योगदान को उजागर करती है।
महात्मा ज्योतिराव और सावित्रीबाई फुले की विरासत
ज्योतिराव और सावित्रीबाई फुले ने 19वीं सदी में भारत में महिला शिक्षा और दलित समुदायों के उत्थान के लिए अनगिनत संघर्ष किए। उनकी यह विरासत आज भी प्रेरणा का स्रोत बनी हुई है। फिल्म में इन बातों को दर्शाकर उनकी महानता को पुनः मंचित किया गया है।
फिल्म ‘फुले’ की चर्चा का कारण
इस फिल्म ने चर्चा इसलिए हासिल की क्योंकि:
- यह सामाजिक भेदभाव और पुर्नवलोकन की आवश्यकता को दर्शाती है।
- महिला शिक्षा के महत्व को प्रभावशाली तरीके से उजागर किया गया है।
- ज्योतिराव फुले और सावित्रीबाई फुले की जीवनी को सरल और प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया है।
- समय-समय पर सामाजिक अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने का प्रोत्साहन देती है।
इस प्रकार, फिल्म ‘फुले’ न केवल इतिहास की झलक प्रस्तुत करती है बल्कि वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों को सामाजिक जागरूकता और समानता की दिशा में प्रेरित करती है।